Loading...
...

Pranayama Course 

प्राणायाम न केवल साँसों को भिन्न भिन्न तरह से देह के सभी अंगों में प्रवाहित करना है बल्कि साँसों के माध्यम से स्वयं को स्थिर और शांत करना भी होता है । इसीलिए  सभी ऋषियों ने अपने अपने अनुभव के द्वारा प्राणायाम के बारे में व्याख्या किया । जहां तक मेरा अनुभव है, उसमें प्राणायाम का उपयोग न केवल चिकित्सीय दृष्टि से है बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक उत्थान के लिए भी है । 

मेरे द्वारा दिये गये सभी प्राणायाम का उद्देश मूलतः आध्यात्मिकता या स्वयं के अनुभव में गहराई लाकर देह को स्वस्थ करना होता है ।  

इसीलिए मैं इसे एक विज्ञान के रूप में देखता हूँ , और इसका अभ्यास करने के लिए सबसे पूर्व सबसे अधिक समझने पर ध्यान देना चाहिए । यद्यपि लोगों की एकाग्रता प्राणायाम के अभ्यास पर अधिक होती है किन्तु इसके दर्शन को समझने पर नहीं होती है । 

यद्यपि पुस्तकों के माध्यम से इसके गूढ़ ज्ञान का प्रचार प्रसार तो हुआ किंतु व्यावहारिक अनुभावात्मक ज्ञान पुस्तक से नहीं बल्कि किसी ज्ञानात्मक गुरु से ही संभव हो सकता है । जिसमें अभ्यास के साथ साथ सभी विषयों पर गहन चर्चा किया जाता है जिसके कारण शिष्यों के अंतरतम में वह मूल ज्ञान समाहित हो जाता है । 

यहाँ तक कि प्राणायाम के माध्यम से ना केवल मोक्ष, आत्मोत्थान बल्कि शारीरिक रोग मन-मस्तिष्क के सभी रहस्यों और उपायों का भी ज्ञान होने लगता है । 

मेरा प्रयास है कि मेरे द्वारा दीक्षित शिष्य स्वयं के दैहिक, मानसिक एवं आत्म उत्थान में सहयोगी होगें । 

मेरे स्वयं के अनुभव में यदि किसी भी व्यक्ति का निरंतर आत्मोत्थान नहीं हो रहा है तो उसमें किसी भी प्रकार के रोगों का निवारण संभव नहीं है । 

प्राणायाम में समलित विषय -

  1. कपाल भाती  
  2. अग्निसार 
  3. उड्ड्यान बंध  
  4. उदर प्राणायाम  (Abdominal Breathing- Inhale Based) 
  5. एब्डोमिन टू चेस्ट  (Abdomen to Chest- Inhale Based)
  6. टर्टल ब्रीथिंग  (Turtle Breathing)
  7. अनुलोम विलोम (Anulom Vilom)  

इन सभी उपर्युक्त 7 प्राणायाम के दर्शन व रहस्य को समझना और उसके बाद उसका अभ्यास करना सबसे अधिक उपयुक्त होता है । इसके माध्यम से न केवल मन मस्तिष्क और देह की समस्याओं का निदान किया जा सकता है बल्कि स्वयं को समझने में गहन रूप से सहायक होते हैं । इन्हीं साँसों के माध्यम से वायु की गति को नियंत्रित करने में भी सहयोग मिलता जिसके कारण न केवल वात पित्त बल्कि कफ़ जनित रोगों पर भी आसानी से नियंत्रण पा लिया जाता है । 

उपर्युक्त प्राणायाम का सामने सभी पाँच प्रकार की वायु से है । जिसको अच्छी तरह समझना एक साधक के लिए ही नहीं बल्कि सभी सामान्य अभ्यासियों के लिए भी आवश्यक होता है । 

  1. प्राण वायु 
  2. अपान वायु 
  3. समान वायु 
  4. उदान वायु 
  5. व्यान वायु 

सभी प्राणायाम योगी अनूप द्वारा पाँचों प्राण वायु के आधार पर सिद्ध किए गये हैं जिसमें प्राणवायु , अपान वायु , समान वायु , उदान वायु  और व्यान वायु के आधार पर गहन चर्चा एवं उसका अभ्यास करवाया जाएगा । इन्ही वायु के माध्यम से अनेकों रोगों में कुछ प्रमुख रोगों के निवारण पर विचार किया जाएगा । 

जैसे 

  1. पेट का फूलना, अम्ल पित्त से संबंधित समस्याएँ ।
  2. डकार का अत्यधिक , हृदय , रक्तचाप चाहती के ऊपर होने वाली रोगों की समस्याएँ । 
  3. सिर में व मस्तिष्क से संबंधित समस्यों पर निवारण । 
  4. कब्ज़ का समाधान / देह में कंपन / कब्ज के कारण डिप्रेशन एवं एंजाइटी / कब्ज़ के कारण देह और मस्तिष्क में होने वाली समस्याओं पर विचार और समाधान । 
  5. साँसों का फूलना 
  6. अति विचारों का आना । 
  7. सभी मानसिक विकारों के नियंत्रण पर विचार 

चित्त व अंतरतम में किस भी वायु का अत्यधिक  प्रभुत्व होने से चित्त चंचल एवं रोगी बनता है और उसका दुष्प्रभाव देह पर आता है ।

इसीलिए योगी अनूप जी ने प्राणायाम को पाँचों वायु के आधार पर डिज़ाइन किया है ।  इसके आधार पर कौन सा प्राणायाम किया जाना चाहिए , इसके सिद्धांत पर तथा इसका गहन अभ्यास करवाया जाएगा । 

ध्यान दें चित्त, मन, इंद्रिय तथा इस संपूर्ण देह में पाँचों वायु का प्रभुत्व होता है । चित्त में यदि किसी भी वायु का आवश्यकता से अधिक प्रभुत्व हो जाता है तब मन और इंद्रियाँ पूर्ण रूप से असंतुलित हो जाती हैं , साथ साथ शरीर में रोग के रूप में उसके लक्षण दिखने लगते हैं । 

योगी अनूप के अनुभव के आधार पर पाँचों वायु के असंतुलन से सभी रोगों का जन्म होता है और उसी को प्राणायाम के माध्यम से नियंत्रित किया जाता है ।  इसी को ध्यान में रखते हुए प्राणायाम का यह कोर्स डिज़ाइन किया गया है । जिसके माध्यम से कोई भी व्यक्ति स्वयं के रोगों को ठीक कर सकता है । 


Note- इस प्राणायाम के कोर्स को सभी लोग कर सकते हैं । 


Pranayama Course

Content Hours: 3 hour each day 

Fee: 5100/-

Duration : 2 Days

From 23-03-2024 To 24-03-2024


Pranayama Course

Content Hours: 3 hour(s)
Fee: 5100/-
Duration : 2 Days
From 2024-03-23 To 2024-03-24

Copyright - by Yogi Anoop Academy