(Diseases Based)
मैंने प्राणायाम को न केवल आध्यात्मिक विकास में बहुत उपयुक्त पाया है बल्कि अनेकों मानसिक और शारीरिक रोगों को ठीक करने में भी उपयुक्त पाया है । यद्यपि प्राणायाम के माध्यम से मानसिक रोगों में सबसे अधिक सफलता देखने को मुझे प्राप्त हुई है , किंतु साथ साथ दैहिक रोगों में भी कुछ ऐसे थे जिस पर मैंने विशेष प्रयोग किया और सफलता पाई ।
ध्यान दें मेरे अनुभव और खोजों में रोगों की उत्पत्ति का मूल श्रोत स्वभाव ही है , उन स्वभावों के परिवर्तन से ही वात -पित्त -कफ़ इत्यादि में असंतुलन होते हुए अधिक देखा है जिसके कारण देह में रोगों का जन्म होता है ।
ध्यान दें एक स्वभाव जन्मगत होता है और दूसरा हम इस संसार में बनाते हैं । इस संसार में रहकर जो अपने अव्यवहारिक और बर्तावों से जो क्रिया कलाप करते हैं उससे अधिक समस्याओं का जन्म देखा जाता है । व्यक्ति अज्ञानतावश व्यावहारिक और आध्यात्मिक जगत से जैसे जैसे दूर होता जाता है वैसे वैसे उसे समस्याएँ घेरने लगती हैं ।
इसीलिए मैंने सभी प्रकार के रोगों के समाधान के लिए दो दृष्टिकोण अपनाया है;
पहला चिकित्सीय
चिकित्सीय दृष्टिकोण का अर्थ है कि देह और नाड़ियों के माध्यम से मन मस्तिष्क को स्थिर करके रोगों का समाधान निकालना । इसमें प्राणायाम की कुछ विधियों को मैंने प्रयोग में लिया है जो बहुत ही सूक्ष्म और कारगर हैं , जिसके माध्यम से सफलता पायी जाती है । इसमें देह में साँसों के माध्यम से रक्त में बदलाव करके देह और मस्तिष्क के रोगों को ठीक किया जाता है ।
दूसरा आध्यात्मिक । यह एक ऐसा मार्ग है जिसमें मन और इंद्रियों के माध्यम से मस्तिष्क और देह के असंतुलन को ठीक किया जाता है ।
दूसरा मन और इंद्रियों को साँसों को सुनियोजित करके स्वभाव को संतुलित कर लिया जाये जिससे बार पनपने वाले रोगों हमेशा के लिए ठीक कर दिया जाये । इसमें प्राणायाम की उस ध्यानात्मक कला का उपयोग किया जाता है जिससे मस्तिष्क को पूरी तरह से शांत करके शरीर के प्रमुख भागों का इलाज किया जाता है ।
इस वर्कशॉप में मैंने भिन्न भिन्न प्राणायाम के भिन्न भिन्न तरीक़ों से कैसे रोगों को ठीक किया जाये और साथ साथ आध्यात्मिक विकास भी किया जाये ।क्योंकि बिना आध्यात्मिक विकास के पूर्ण स्वस्थ होना संभव नहीं है ।
प्राणायाम माध्यम से निम्नलिखित रोगों का समाधान :
डिप्रेशन (Depression). एवं मस्तिष्क से संबंधित समस्याओं पर समाधान ।
एंजाइटी (Anxiety).
नींद से संबंधित सभी समस्याएँ (sleep Apnea etc).
डायबिटीज (Diabetes).
हृदय से संबंधित समस्या (Heart Diseases).
प्राणायाम में समलित् विषय -
प्राणायाम में स्वास-प्रश्वास की गति , अंतर कुम्भक, बहिरकुंभक, पर एक गंभीर विश्लेषण ।
प्राणायाम में दो प्रमुख बिंदुओं पर ध्यान दिया जाएगा , जिसमें एक साँसों पर केंद्रीकरण और दूसरा साँसों के माध्यम से स्वयं पर केंद्रीकरण । इन दोनों गतिविधियों से प्राणायाम बहुत ही शीघ्रता से सिद्ध हो जाता है और इससे स्वयं को स्वस्थ किया जा सकता है ।
उसका अभ्यास करवाया जाएगा ।
अग्निसार - के भिन्न भिन्न प्रयोग के तरीक़े (कुम्भक के साथ कैसे प्रयोग किया जाय)
उड्डायन बंध - इस बंध में 2 विधियों पर प्रयोग किया जायेगा जिसमें नाभि ग्रंथि को कैसे ठीक करके देह के सूर्य को संतुलित किया जाये । यह कहा जाता है कि चंद्रमा (मस्तिष्क) के प्रकाश का अस्तित्व सूर्य (नाभि) के प्रकाश पर निर्भर है । यह एक चिकित्सीय दृष्टिकोण है जिस पर अभ्यास के साथ साथ गंभीर चर्चा किया जाएगा ।
उदर प्राणायाम -अंतर-कुम्भक और वाह्य-कुम्भक के साथ । रेचक प्रधान (1) और पूरक प्रधान (2)
(Abdominal Breathing- 2 variations)
एब्डोमिन टू चेस्ट अंतर-कुम्भक और वाह्य-कुम्भक के साथ ।
रेचक प्रधान (1) और पूरक प्रधान (2) (Abdomen to Chest-2 variations)
टर्टल ब्रीथिंग
(1-inhale With with Efforts)
(2-Exhale With Effort)
(Turtle Breathing- 2 variations)
क्रिया योग प्राणायाम-I ; यह प्राणायाम की एक ऐसी विधि है जो हर एक मांसपेशियों के साथ संयोजित हो कर की जाती है । इस प्राणायाम में देह के (पिंडली, जाँघ, हिप, हाथों की सभी मांसपेशियाँ) प्रमुख मांसपेशियों के साथ प्राण का संचार किया जाता है ।
क्रिया योग प्राणायाम II ; इस विधि में इंद्रियों की मांसपेशियों का प्राण के साथ संयोजन किया जाता है । इसके माध्यम से सभी ज्ञानेंद्रियों की मशपेशियों के तनाव को दूर करके मस्तिष्क और देह के अंगों के रोगों को नियंत्रित कर लिया जाता है ।
ऊपर दिये गये सभी प्राणायाम योगी अनूप द्वारा सिद्ध किए गए हैं, साथ साथ मन मस्तिष्क और देह में ये किस प्रकार से प्रभाव छोड़ते हैं, बताया गया है । ये सभी प्राणायाम न केवल देह के रोगों को ठीक करने के लिए हैं बल्कि मानसिक रोगों को भी ठीक करने के लिए बहुत ही उपयुक्त हैं । इन सभी प्राणायाम में आध्यात्मिक विकास के भी गुण पूर्णतः छिपे हुए होते हैं ।
Date:
तारीख़ (Date) - 3rd & 4th February 2024
दिन (Day) - शनिवार और इतवार , 3 घंटे प्रतिदिन (online)
स्थान (Place) - @zoom
क़ीमत (Price) - 5100 INR
Payment Mode - Booking online via website
भाग लेने वालों की संख्या - केवल 21 Participants only
Note- प्राणायाम का यह कोर्स उन्हीं अभ्यासियों के लिये ही है जिन्होंने पहले से प्राणायाम का अभ्यास किया हो ।
Copyright - by Yogi Anoop Academy