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स्वाद की फ़ैंटसी स्वाद की ग्रंथियों ..

3 years ago By Yogi Anoop

काल्पनिक क्षमताएँ जिसकी जितनी तीव्र होती हैं उतना ही उसकी स्वाद ग्रंथियाँ धारदार हो जाती हैं । 

वो इसलिए कि कल्पनाओं की उड़ान में मन उस प्रकार की कहानियों में स्क्रिप्ट का निर्माण करता है जिसमें हर एक हिस्से में जबरजसत positivity होती है । और उस कहानी में परिणाम बहुत ही पॉज़िटिव होता , और ऐसा परिणाम समन्यतह व्यवहार में नहीं पाया जाता है । सत्य तो ये है इस प्रकार के लोगों में व्यावहारिक क्षमता बहुत कम देखी जाती है । 

जैसे उदाहरण के तौर पर बच्चे , ये अपनी कल्पनाओं में हवाई क़िले बनाने बनाते हैं । 

कुछ वैसे ही अडल्ट लोग भी होते हैं , हवाई क़िले बनाने पर मस्तिष्क को भिन्न रंग चाहिए होता है , उनकी हवाई किलों में अधिकतर रंग लाल , नीला तथा गुलाबी रंगो से भरा होता है । इन रंगो का सबसे अधिक अंतरंग सम्बंध मीठे और चटपटे स्वाद से होता है । इसी अवस्था में जब व्यक्ति अडल्ट अवस्था में भी रहता है तो सेक्स में बहुत अधिक रुचि बढ़ जाती है । अर्थात् उनका वीनस बड़ा धारदार तेज होता है । 

ऐसे व्यक्ति आलसी क़िस्म के होते हैं ।

इस प्रकार के लोग भावना प्रधान ही होते हैं , इसीलिए एक उम्र के बाद इस प्रकार के लोगों को भक्ति मार्ग बहुत पसंद आता है । और वो भगवान की भी अपने अनुसार जबरजस्त कल्पना करने लगते हैं । किंतु इस मार्ग में भी उन्हें सेक्स से सम्बंधित उत्कंठा से छुटकारा नहीं मिलता । 

लोग इस प्रकार की हरकतें बहुत करते हैं । 

मस्तिष्क का हिस्सा बहुत कार्य करता है, उसे स्थान , रंग , आकार , और एक पूरी कहानी के साथ पूरी स्क्रिप्ट तैयार करनी पड़ती है, जिससे मस्तिष्क की ऊर्जा बहुत खर्च होती है । मेरे अनुभव में मन जितना ज़्यादा डिटेलिंग करता है fentacy में उतना ही मस्तिष्क की ऊर्जा का क्षरण होता है , और उतना ही मस्तिष्क को ऊर्जा की ज़रूरत होती है । 

ध्यान दें मस्तिष्क को सबसे अधिक ऊर्जा शुगर और फ़ैट से ही मिलती है । और जब फ़ैंटसी से ब्रेन डिस्चार्ज होने लगता है तब उसे शुगर और फ़ैट की ज़रूरत बहुत तीव्र होने लगती है । और यदि इस ज़रूरत को तुरंत न पूरा किया गया तो मूड स्विंग्स होने लगते हैं । इसीलिए इस प्रकार के लोगों में जो थोड़ा हाइपर लोग होते हैं वे ऐल्कहॉल जैसे फ़र्मेंटेड शुगर की तरफ़ बढ़ लेते हैं और जो थोड़ा सात्विक fentacy में होते हैं वे रसगुल्ले और chocolate पर कूद पड़ते हैं । 

इससे उन्हें अपने मस्तिष्क को पुनः रीचार्ज करने में सहायता मिलती हैं , पर ध्यान दें ये ब्रेन चार्जिंग, में बहुत बड़ा रिस्क फ़ैक्टर भी है , इसमें आप फ़र्मेंटेड शुगर व फ़ैट की वृद्धि कर रहे हैं । अब इससे बचने के लिए हमारे पास कई साधन हैं । 

का वो हिस्सा जो स्वाद ग्रंथियों को ऐक्टिव करता है 

बहुत सारे ऐसे लोग हैं जो सिर्फ़ और सिर्फ़ स्वाद तक ही सीमित हैं, और स्वाद में भी सिर्फ़ मीठे और तीखे तक । यदि जीवन 

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