बहुत से युवा, और यहाँ तक कि विवाहित लोग भी, सोने से पहले सेक्स या मास्टरबेशन करने की आदत से जूझ रहे होते हैं। इस आदत के पीछे का मुख्य कारण तनाव और दिनभर की मानसिक थकान ही होती है। इन व्यक्तियों के अंतरतम को लगता है कि उनके मस्तिष्क और शरीर को तभी शांति मिलेगी जब वे इस क्रिया को कर लेंगे और तभी उन्हें गहरी नींद आ पाएगी ।
मनोवैज्ञानिक कारण:
सोने से पहले हमारा दिमाग पूरे दिन की गतिविधियों और तनावों से भरा होता है। इस समय, शरीर और मस्तिष्क में तनाव (stress) का स्तर इतना बढ़ जाता है कि उसे तुरंत राहत की आवश्यकता होती है। सेक्स या मास्टरबेशन के दौरान शरीर में डोपामाइन और ऑक्सीटोसिन जैसे हार्मोन रिलीज़ होते हैं, जो हमें अस्थायी रूप से अच्छा महसूस कराते हैं और तनाव को कम करने में मदद करते हैं। इसके परिणामस्वरूप शरीर और दिमाग को तुरंत आराम महसूस होता है और व्यक्ति जल्दी सो जाता है।
हालांकि, यह आदत यदि सीमित मात्रा में की जाए, जैसे हफ्ते में एक-दो बार, तो इसे सामान्य माना जा सकता है। किंतु यदि यह प्रतिदिन की आदत बन जाए, तो यह शारीरिक और मानसिक रूप से नुकसानदेह साबित हो सकती है। यह एक तरह का मानसिक “एडिक्शन” बन जाता है, जहाँ व्यक्ति इसे एक “स्लीप पिल” के रूप में इस्तेमाल करने लगता है, अभी यह देह के लिए ही नहीं बल्कि मस्तिष्क के लिए भी नुक़सानदेह साबित होने लगता है । इसीलिए मेरा मानना है कि नींद लाने के हर एक दिन इसे करना मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
नियमित मास्टरबेशन: खतरे और बचाव:
जब यह रोज़मर्रा की आदत बन जाती है, तो यह मानसिक और शारीरिक संतुलन बिगाड़ सकती है। यह आपके मस्तिष्क को इस तरह से प्रशिक्षित कर देती है कि बिना इस क्रिया के आपको नींद ही नहीं आती। इससे बचने के लिए एक स्वस्थ दिनचर्या अपनानी चाहिए, जैसे सोने से पहले मस्तिष्क और मांसपेशियों को धीरे-धीरे विश्राम करना। मांसपेशियों के विश्राम के लिए बहुत उपाय हो सकते हैं जिसमें एक मास्टरबेशन वि सेक्स है । किंतु सिर्फ यही हो तो हानिकारक है ।
आध्यात्मिक और मनोवैज्ञानिक विकल्प:
मनोवैज्ञानिक रूप से यह ज़रूरी है कि व्यक्ति सोने से पहले अपनी मांसपेशियों और मस्तिष्क को शांत करने के स्वस्थ और स्वाभाविक विकल्प तलाशे। तनाव के प्रबंधन के लिए कई वैकल्पिक उपाय किए जा सकते हैं, जैसे:
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