प्रश्न यह है कि सबसे सही स्लीपिंग पोज़िशन कौन-सी होनी चाहिए?
इस पर विचार करने से पहले यह समझना आवश्यक है कि नींद के दौरान हमारे शरीर और मस्तिष्क में क्या होता है।
यदि हम अपने दैनिक जीवन को दो भागों में बाँटें, तो यह होगा:
1. दिन और प्रकाश: जहाँ मस्तिष्क सक्रिय और शरीर क्रियाशील रहता है।
2. रात और अंधकार: जहाँ मस्तिष्क और शरीर विश्राम करते हैं।
मस्तिष्क को भी दो अवस्थाओं में विभाजित किया जा सकता है:
• दिवा मस्तिष्क (Day Brain): जो क्रियाशीलता (Action) का प्रतीक है।
• निशा मस्तिष्क (Night Brain): जो विश्राम और स्थिरता (No Action) का प्रतीक है।
जब हम विचारों के स्तर पर पहुँचते हैं, तो हमें दो अवस्थाएँ दिखाई देती हैं:
1. एक ऐसी अवस्था जिसमें हमें ज्ञान और आत्म-बोध का अनुभव होता है।
2. दूसरी ऐसी अवस्था जहाँ न ज्ञान का अनुभव होता है और न ही आत्म-बोध का।
यही दूसरी अवस्था नींद कहलाती है।
नींद का उद्देश्य
नींद का मुख्य उद्देश्य यह है कि:
• शरीर, मन, और इंद्रियाँ पूर्ण रूप से शांत हो जाएँ।
• ऊर्जा का पुनः संचय हो सके।
• मस्तिष्क को गहरा विश्राम मिले ताकि वह पुनर्जीवित हो सके।
• शरीर के सभी अंगों का पुनर्निर्माण और स्वास्थ्य-सुधार हो सके।
नींद वह अवस्था है, जहाँ न शरीर, न इंद्रियाँ, और न ही मन कार्यरत होते हैं। यही कारण है कि प्रकृति ने नींद को हमारे स्वभाव में शामिल किया। यह अवस्था मस्तिष्क और शरीर को संतुलित और पुनर्जीवित करने का सबसे प्रभावी तरीका है।
सबसे सही स्लीपिंग पोज़िशन
नींद के दौरान शरीर को ऐसी स्थिति में होना चाहिए, जो उसे गहराई से विश्राम प्रदान करे।
मेरे अनुभव के अनुसार, सबसे सही स्लीपिंग पोज़िशन है पीठ के बल सोना।
पीठ के बल सोने के लाभ
1. स्पाइनल कॉर्ड का सीधा रहना:
• पीठ के बल सोने से आपका मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी (स्पाइनल कॉर्ड) सीधी रहती है।
• यह स्थिति मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी में रक्त प्रवाह को बेहतर बनाती है।
2. हीलिंग और पुनर्जीवन:
• इस स्थिति में मस्तिष्क और शरीर में प्राण ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है।
• यह शरीर और मस्तिष्क को गहराई से आराम और पुनर्जीवन प्रदान करता है।
3. ऊर्जा का संचय:
• पीठ के बल सोने से मस्तिष्क और शरीर ऊर्जा को बेहतर तरीके से संचय कर पाते हैं।
• यह अगले दिन के लिए शरीर को पूरी तरह तैयार करता है।
नींद की आदर्श अवधि
एक स्वस्थ जीवन के लिए कम से कम 6 घंटे की गहरी नींद आवश्यक है।
मेरे अनुभव में, ये 6 घंटे हमारे 24 घंटे के दैनिक जीवन को सुचारु रूप से चलाने के लिए पर्याप्त हैं।
सर्वश्रेष्ठ स्लीपिंग पोज़िशन: पीठ के बल सोना।
कारण: यह स्थिति मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी में रक्त और ऊर्जा का प्रवाह बढ़ाकर उन्हें पुनर्जीवित करती है।
आवश्यकता: कम से कम 6 घंटे की गहरी और शांतिपूर्ण नींद।
सही सोने का तरीका न केवल शरीर और मस्तिष्क को पुनर्जीवित करता है, बल्कि यह आपके जीवन को अधिक ऊर्जावान, संतुलित, और स्वस्थ बनाता है। इसे अपने जीवन में अपनाएँ और इसके लाभों का अनुभव करें।
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