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समस्याओं के सामने क्या क्या कर सकते हैं

3 years ago By Yogi Anoop

1- प्रतिकूल परिस्थितियों में इंद्रियों को बहुत हिलने ना दें, विशेष करके आँखों में गम्भीरता बनाएँ रखने की अंदर अंदर कोशिश करते रहें । 

और बोलने पर भी नियंत्रण होना आवश्यक है ।आराम आराम से बोलने की कोशिश करें । सामने वाले के हाइपर होने से आप बच जाएँगे । 

2- प्रतिकूल घटना के समय आँखों को वहाँ पर रहने दें किंतु मन को शून्यता की ओर ले जाने की कोशिश करते रहें । प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से इस तकनीक का प्रयोग सभी अपने दैनिक क्रिया में करता है , किंतु यदि इसका अभ्यास ज्ञानात्मक ढंग से किया जाय तो मन शांत होने लगता है ।

3- यदि हृदय की गति बहुत अधिक बढ़े तो स्वाँस प्रास्वाँस को अनुभव करने की कोशिश करें, थोड़ी ही देर में सब सामान्य हो जाएगा । यदि हृदय गति सामान्य नहीं भी होती तो आपके शरीर में कोई बीमारी नहीं आ सकती क्योंकि स्वाँस पर आपका ध्यान था । शरीर और मस्तिष्क में रक्त एर ऑक्सिजन का संचार संतुलित रहेगा ।

4- कोशिश करें कि परिस्थिति का सामना करते रहें , आपकी हृदय गति थोड़ी ही देर में बढ़ने के बाद स्थिर हो जाएगी । 

5- कितनी भी समस्याएँ आए अपने दैनिक कार्य को न छोड़ें । योग प्राणायाम ध्यान इत्यादि नित दिन करते रहने की कोशिश करें , यद्यपि यह मुश्किल अवश्य है किंतु इसका अभ्यास करने के बाद आप वापस रीचार्ज हो जाएँगे । परिवार में स्वयं को सामान्य बनाए रहने की कोशिश करते रहें यद्यपि नहीं होगा, आपके चेहरे और इंद्रियों पर वह परेशानी दिखेगी किंतु मन को कोशिश में निरंतर लगाए रखें । आप अनुभव करेंगे कि आपकी शक्ति बढ़ गयी । 

6 - मन को नियमित दिनचर्या देते रहने से शक्ति की कमी नहीं महसूस होती है परिणामस्वरूप वह पुनः शक्तिशाली हो उठता है ।

7- इसका अभ्यास कभी कभी अनुकूल परिस्थितियों में भी रहते हुए करना चाहिए । ताकि सुख भी मन को बहुत प्रभावित न कर सके । 

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