इड़ा नाड़ी एक प्रमुख नाड़ी है जो हमारे शरीर में प्राणिक तंत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह वाम मार्ग को प्रभावित करने वाली नाड़ी है और शांति, स्थिरता और शारीरिक तथा मानसिक स्थिति को संतुलित करने के लिए जिम्मेदार है। इड़ा नाड़ी को सक्रिय करने के लिए निम्नलिखित तरीकों का उपयोग कर सकते हैं:
प्राणायाम करना और विभिन्न योग आसनों को अभ्यास करना इड़ा नाड़ी को सक्रिय करने के लिए मददगार हो सकता है। चंद्रभेदन प्राणायाम, नाड़ी शोधन प्राणायाम और शवासन इसमें से कुछ प्रमुख तकनीक हैं जो इड़ा नाड़ी को सक्रिय करने के लिए उपयोगी हो सकती हैं।
विशेषकरके रात में इड़ा नाड़ी का ऐक्टिव होना शुभ जाना जाता है । कुछ ऐसे स्वाभाव के व्यक्ति जिनका मन मस्तिष्क रात में बहुत स्फूर्ति से ग्रसित हो जाता है , अत्यंत ही फुर्तीला हो जाता है । जिसके कारण उसे रात में नींद ही नहीं आती है ।
सामान्य लोग जिन्हें रात में नींद नहीं आती है तब उस अवस्था में वह आँखों को स्क्रीन पर एकाग्र करवा कर थकाने की कोशिश करता है । ये आँखें जब थक जाती है तब स्वतः ही नींद आ जाती है ।
किंतु यदि ध्यान पूर्वक विचार किया जाय तो आँखों को थका कर नींद लेना बहुत ही ख़तरनाक हो सकता है । इस प्रकार के तरीक़ों से गहरी नींद की सारी संभावनायें नष्ट हो जाती है । भविष्य में मानसिक समस्यों में बढ़ने की संभावनाओं को टाला नहीं जा सकता है ।
ऐसे लोगों को रात में कई नियमों का पालन अवश्य ही करना चाहिए ।
रात में भोजन के पूर्व कुछ मिनटों तक आसनों का अभ्यास करना चाहिए ।
भोजन सात बजे तक हो जाना चाहिए ।
भोजन के आधा घंटे के बाद टहलना बहुत ही आवश्यक है ।
भोजन के बाद किसी भी प्रकार की स्क्रीन नहीं देखना चाहिये ।
सोने के पहले प्राणायाम अवश्य ही करना चाहिए ।
दाहिनी तरफ़ लेट कर प्राणायाम करना सर्वोत्तम है । इस अवस्था में साँसों को छाती में धीरे-धीरे लेना और छोड़ना चाहिए । यह क्रिया लगभग ग्यारह मिनट करना चाहिए जिससे बायीं नासिका खुल जाएगी और धीरे धीरे मस्तिष्क के दाहिने हिस्से में रक्त और ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ जाएगी है । जिसके कारण इड़ा नाड़ी ऐक्टिव हो जाती है और इंद्रियों की मांसपेशियों का ढीला होना शुरू हो जाता है । साथ साथ शरीर की मांसपेशियों का ढीला होना भी प्रारंभ हो जाता हैं ।
इससे व्यक्ति गहरी नींद में चला जाता ।
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