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पित्त प्रकृति के लोगों के लिए प्राणायाम

4 years ago By Yogi Anoop

पित्त स्वभाव के लोगों को कौन सा प्राणायाम करना चाहिए । पित्त स्वभाव का असल अर्थ न केवल पेट में होने वाली असिडिटी है बल्कि पित्त प्रकृति का मूल अर्थ स्वभाव में क्रोध होता है ।

इस प्रकार के लोगों को सबसे पहले

बायीं नासिका से कपालभाती करनी चाहिए

1 बायीं नासिका से कपालभाति

2 बायीं नाक से प्राणायाम , अर्थात चंद्र्भेदी प्राणायाम

3 जालंधर बंध

4 उज्जायी प्राणायाम

5 भूमध्य ध्यान अवश्य करना चाहिए ।

पित्त प्रकृति के लोगों को सभी क्रियाओं के अंत में ध्यान अवश्य करना चाहिए , इसका प्रमुख कारण है कि उनके मस्तिष्क का मध्य हिस्सा शांत होगा और ऊर्जावान होगा । इसीलिए पित्त प्रधान वालों को मैं अंत में ध्यान के लिए निवेदन करता हूँ ।

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