अनिद्रा की समस्या आधुनिक युग में संभवतः सबसे अधिक भयावह है , कहने को तो यह नींद का न आना ही है किंतु इसके लम्बे समय तक बने रहने पर शरीर और मन पर क्या क्या गम्भीर प्रभाव पड़ सकता हैं , इसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती है ।
विशेषकर समस्या तब अधिक गहन हो जाती है जब इस समस्या के समाधान में दवाइयाँ लेनी शुरू कर दी जाती है । क्योंकि दवाइयाँ मस्तिष्क को लती बना देती है, और भविष्य में मस्तिष्क की अपनी शक्ति क्षीण होने लगती है , उसे स्वयं को कैसे नींद में ले जाना है भूलने लगता है ।
जहां तक मेरा अनुभव है, 100 में से 90 लोगों को अनिद्रा की बीमारी का प्रमुख कारण मानसिक, और बेढंगी जीवन शैली है और सिर्फ़ 10 लोगों को देह में किसी न किसी समस्या के कारण अनिद्रा की समस्या देखी गयी है ।
हम यहाँ पर दोनों कारणों का समाधान योग प्राणायाम के तरीक़े से करने का प्रयत्न करेंगे जिससे रोगियों को स्थायी समाधान मिल जाय ।
1- भोजन अधिक से अधिक रात में 7 बजे तक कर लिया जाना चाहिए । ज़्यादातर अनिद्रा से पीड़ित निद्रा लाने के लिए रात में कुछ न कुछ खाते हैं , कुछ खाने से उन्हें नींद आने में सहायता मिलती है । यद्यपि इसका प्रमुख कारण है कि पाचन की क्रिया के शुरू होने पर मस्तिष्क को नशा आने लगता है जिससे नींद आनी शुरू हो जाती है । कुछ वैसे ही जैसे दिन में भोजन करने के बाद नींद आती है । मस्तिष्क को जब की अन्य सहारा नहीं मिलता तब भोजन करके नींद लाने की कोशिश करता है । किंतु भविष्य में यह नींद को और ही ख़राब कर देता है । इसलिए इस आदत को शीघ्रातिशीघ्र समाप्त ही कर देना उचित होगा । इसकी जगह पर सोने के पूर्व स्वभाव के अनुरूप प्राणायाम का अभ्यास करके मस्तिष्क को शांत किया जाना चाहिए । जिससे मस्तिष्क को नींद आ जाय ।
2- भोज के 30 मिनट के बाद कम से कम 30 से 40 मिनट तक टहलना चाहिए । टहलने का वैज्ञानिक मतलब सिर्फ़ इतना है कि भोजन का पाचन आसानी से हो जाय और वायु मस्तिष्क में दबाव न बना पाए । टहलने के बाद पानी उचित मात्रा में अवश्य पिया जाना चाहिए ।
3- अनिद्रा से पीड़ित व्यक्ति आँखों के माध्यम से सबसे अधिक दृश्य जगत मन के अंदर डालते हैं , अंतरतम में दृश्य और विचारों के प्रबंधन में कमी के कारण ही ये समस्या गम्भीर होती है , ऐसे समस्या ग्रस्त व्यक्तियों को रात में TV या किसी भी प्रकार का स्क्रीन नहीं देखना चाहिए । यद्यपि अनिद्रा से पीड़ित व्यक्ति स्क्रीन देखकर आँखों को थकाने का प्रयास करता है, उसे लगता है कि आँखों को थकाने के बाद नींद आसानी से आ जाएगी , किंतु ऐसी नींद स्वप्नवत होती है । आँखों को थकने के बाद मस्तिष्क को गहरी निद्रा में नहीं ले जाय जा सकता है ।
इसलिए बजाय कि आँखों को थकाया जाय , उसे ढीला और शांत करने का अभ्यास करवाया जाना चाहिए , जैसे सोने के पूर्व प्राणायाम किया जाना सर्वोत्तम है । पर ध्यान रहे यह प्राणायाम हर एक अनिद्रा पीड़ित व्यक्तियों के लिए अलग अलग हो सकता है ।
4- शरीर को पर्याप्त और संतुलित व्यायाम देने में आसनों का बहुत बड़ा योगदान है। इनमें महत्वपूर्ण आसन हैं- सूर्य नमस्कार, ताड़ासन, त्रिकोणासन, पवनमुक्तासन, शशांक आसन, मंडूकासन, उष्ट्रासन, अर्ध मत्स्येंद्रासन, सर्वांगासन, हलासन, नौकासन, धनुरासन तथा भुजंगासन आदि।
5- प्राणायाम- शरीर, मन- मस्तिष्क तथा नस नाड़ियों को शांत करने में प्राणायाम बहुत ही प्रभावकारी सिद्ध हुआ है। इस हेतु प्रशांतकारी प्राणायाम- नाड़ी शोधन, उज्जायी, शीतली, शीतकारी तथा चंद्रभेदी आदि उपयोगी हैं । यहां पर चंद्र-भेदी प्राणायाम के अभ्यास की विधि का वर्णन किया गया है-
ध्यान के किसी भी आसन जैसे-सिद्धासन या सुखासन में रीढ़, गला व सिर को सीधा कर बैठ जाइए । आंखों को ढीली बंद कर शरीर के अन्य सभी अंगों को ढीला व शिथिल छोड़ दीजिए ।
अपने दाहिने हाथ के अंगूठे को दांयी नासिका तथा अनामिका अंगुली को बांयी नासिका पर रखिए। अब, अंगूठे से दांयी नासिका को बंद कर सजगतापूर्वक बांयी नासिका से एक लंबी व गहरी श्वास अंदर (पूरक) लीजिए। इसके पश्चात, आरामदायक अवधि तक श्वास को अंदर रोककर (कुंभक) रखिए। अंत में बांयी नासिका को अनामिका से बंद कर दांयी नासिका द्वारा श्वास बाहर (रेचक) निकालिए। यह चंद्र भेदी प्राणायाम की एक आवृत्ति है। इसकी तीस आवृत्तियों का एक साथ अभ्यास कीजिए।
सीमाएं- कफ रोग तथा अवसाद से ग्रस्त लोग इसका अभ्यास न करें।
6- ध्यान दें निद्रा में रोगी अपने मस्तिष्क और शरीर को ढीला करने अक्षम होने लगता है
उसके मस्तिष्क में विचार इतना अधिक तनाव और खिंचाव देते हैं कि उसे ढीला कर पाना सम्भव नहीं हो पाता है । इसीलिए नींद का अभाव हो जाता है ।
इस अवस्था में रात में ध्यान और प्राणायाम सबसे अधिक लाभकारी माने जाते हैं । ध्यान में अपनी इंद्रियों को , जिसमें सबसे अधिक आँखों को , और जबड़ों को ढीला किया जाता है । ध्यान में यदि इन दोनों हिस्सों को ढीला कर दिया जाय तो रोगी को नींद में जाने से कोई नहीं रोक सकता है ।
7- ऐसे किसी भी वस्तु को रात में न लें जिससे मस्तिष्क और उत्तेजित हो । अधिक तली-भुनी तथा मिर्च-मसालेदार भोजन न लें। भूख से थोड़ा कम खायें। नियमित समय पर खूब भूख लगने पर ही भोजन लेना चाहिए। कैफीन युक्त पेय तथा नशा,धूम्रपान तथा मद्यपान का कड़ाई से परित्याग करें।
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