ब्रिस्क वॉक या तेज टहलना हानिकारक है
हाथों और उँगलियों की गति धीमी ही करनी पड़ेगी यदि सुई में धागा डालना है तो । सुई में धागा डालते डालते आपका मन उस स्थान पर पूर्ण एकाग्र हो जाता है । कुछ यूँ कहो कि मन बिना शांत किए आपकी उगलियों में स्थिरता नहीं आएगी, धीमी गति होकर करके ही सुई में धागा डाला जा सकता है ।
कुछ ऐसे ही टहलने या वॉक करने के साथ दर्शन जुड़ा हुआ है । टहलने की गति बस इतनी तेज रखो जिससे मन मस्तिष्क के अंदर गहराई और बढ़ती जाय । टहलते टहलते यदि आप और ऊर्जावान हो रहें हैं , थकान ख़त्म हो रही है तो समझो वही टहलना सार्थक है । उस टहलने से आपका मन , आपका चित्त और शांत हो रहा है ।
हमें यह सलाह दी जाती है कि तेज टहलो , अर्थात् ब्रिस्क वॉक करो, पसीने निकालो , कुछ लोग टहल कर घर आते हैं तो ऐसा लगता है महाभारत का युद्ध करके बस आए ही हैं । हमारे डॉक्टर , हमारे बड़े बूढ़े भी यही सलाह देते हुए पाए
जाते हैं कि तेज वॉक करो । इससे हृदय जैसी समस्या नहीं होगी ।
मैं कहता हूँ छोड़ दो ये बेवक़ूफ़ी करना । मेरे अपने अनुभव में तेज वॉक करना कोई भी बुद्धिमानी नहीं है । ये एक जनवरीय हरकत है ।
जब आप शरीर को बहुत हाइपर बनाते हो तो आपका मस्तिष्क भी साथ साथ हाइपर हो जाता है , कुछ समय के लिए आप अपने मन और मस्तिष्क को बहुत हाइपर बना चुके हुए होते हो ।
यदि मैं एक उदाहरण दूँ , आप कार ड्राइव कर रहे हो , आप गाड़ी को एक सीमा से अधिक भगाने लगते हो , कुछ देर में आप देखो कि आप का चेहरा , सारी इंद्रियाँ , मन मस्तिष्क सभी तनावग्रस्त होने लगते हैं । जब कि कार को ड्राइव करने वाला व्यक्ति कार में बस बैठा ही है , ऐसा नहीं है कि वह शारीरिक रूप से कार को खींच रहा है ।
यदि उसी कार को एक सीमित स्पीड में चलाया जाय तो कार का ड्राइवर हाँफेगा नहीं । उसमें कोई भी तनाव नहीं आएगा । और वो लॉंग ड्राइव कर सकता है । मैं स्वयं 700 से 1000 किलॉमेटर तक एक बार में बिना रुके चला लेता हूँ । मुझे किसी समस्या का सामना नहीं करना पड़ता , मुझे थकान के बजाय और शांति मिलती है ।
वो इसलिए क्योंकि कि मैं बहुत स्पीड में नहीं चलाता, और स्वयं को हाइपर नहीं होने देता । बहुत सारे अपरिपक्व लोग मिलते हैं जो आपके बग़ल से बड़ी तेज में कार से निकालते हैं । अप्रत्यक्ष रूप से आपसे प्रतिस्पर्धा करने को कहते हैं।
उनको देख कर आप भी तनाव में आते हैं किंतु यदि आप अपनी ड्राइविंग में आनंदित हैं तो आपके कार की गति में बहुत तेज़ी नहीं आएगी । और थोड़ी ही देर में वे हाइपर लोग थक कर कहीं आराम कर रहे होते हैं , खाना पीना कर रहे होते हैं और सोते भी रहते हैं , या कर में बैठकर ऐल्कहाल पी रहे होते हैं ।
आप अपनी यात्रा में निरंतर आगे बढ़ते जा रहे हैं ।
इसी प्रकार आप इस शरीर के ड्राइवर हो , आप शरीर को हाइपर बनाओगे तो भविष्य में स्वयं हाइपर हो जाओगे ।
जब आप धीरे धीरे , आराम आराम से वॉक करते हैं तो आपका मन आपके मस्तिष्क के साथ एक अच्छा अजस्ट्मेंट करता है, दूसरा आपका मस्तिष्क आपके शरीर के साथ एक अच्छा अजस्ट्मेंट करता है । जिससे एक बेटर होर्मोनल सिक्रीशन होती है , और वही आपको आनंदित करती है , आप कितना भी वॉक कर लें आपको थकने भी नहीं देता ।
यदि मैं अपना अनुभव बतलाऊँ तो प्रतिदिन 9 से 12 kilometers वॉक करता हूँ , इस पूरे covid टाइम में , और अपने घर के अंदर । ये वॉक बहुत आराम से , मैं अनुभव करता हूँ कि ‘मैं’ स्थिर हूँ , और शरीर चल रही है । इस अवस्था में रहकर शरीर और मस्तिष्क के लगभग हर एक प्रमुख अंगों को अनुभव कर लेता हूँ ।
यहाँ एक बात की ध्यान देने की और ज़रूरत है , कि जितना अपने मैं को शांत करते हुए वॉक करता जाता हूँ उतना ही मेरी साँसों की गति आराम से चलती है , और यहाँ तक कि हृदय की गति भी बहुत नियंत्रित हो जाती है । रक्त में शुगर की मात्रा को पूर्ण रूप से नियंत्रित कर सकते हो , विशेष रूप से upward विंड , डकार reflux को पूरी तरह से नियंत्रित किया जा सकता है ।
आतंडियों में रुकने वाली गैस को cure किया जा सकता है । और साथ साथ जो सबसे बड़ा लाभ , अपने स्वयं से संतुष्टि की मात्रा बहुत अधिक बढ़ जाती है ।
मैं फिर से एक बार कहता हूँ कि आप की कोई भी शारीरिक क्रिया या ऐक्शन जिसमें मन और मस्तिष्क बिल्कुल आराम से है , उससे आपकी सेल्फ़ सैटिस्फ़ैक्शन का लेवल बढ़ जाता है । और उसके बढ़ने पर शरीर में वात और पित्त का बैलेन्स होने लगता है ।
रात में वॉक करने के फ़ायदे
रात में भोजन के एक घंटे के बाद मैं कम से कम 30 से 40 मिनट का आराम से धीरे धीरे टहलता हूँ । फिर उसके बाद थोड़ी देर के लिए पढ़ता और लिखता हूँ फिर उसके बाद सोने के पहले बिस्तर पर बैठ व लेट कर 21 मिनट से लेकर 30 मिनट तक प्राणायाम करता हूँ फिर उसके बाद सोता हूँ ।
विशेष कर रात में आराम से लम्बी वॉक करने के फ़ायदे मैंने लिया ।
12 kilometre वॉक के 15 मिनट के बाद रेस्टिंग हार्ट जब चेक करता हूँ तब मेरी हार्ट रटे लगभग 55 से 60 पर मिनट में होती है ।
और ध्यान दें ये वॉक सुबह नहीं करता , ये उस समय करना शुरू करता हूँ जब शरीर सबसे अधिक थका महसूस करता है ।और 10 से 15 kilometre चलकर मुझे और ऊर्जा आ जाती है ,
वो भला कैसे तो मैं यही कहूँगा कि आराम आराम से शांत होकर वॉक करना , ऐसा भला क्यों करो जैसे कि कोई जंग लड़ने जा रहे हो ।
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