क्या आपने कभी सोचा है कि खर्राटे लेना, जो एक साधारण आदत लगती है, वास्तव में आपके जीवन के लिए कितना खतरनाक हो सकता है? अगर आप जल्दी से मौत का दरवाजा खटखटाना चाहते हैं, तो खर्राटों की बीमारी सबसे सही तरीका हो सकता है। और यदि आप किसी और को परेशान करने की योजना बना रहे हैं, तो बस उनके बगल में सो जाइए – यह बीमारी उन्हें धीरे-धीरे मानसिक और शारीरिक रूप से थका देगी।वह भी बीमारी और तनाव के चपेट में आ जाएगा ।
खर्राटे: एक अघोषित खतरा
खर्राटे लेना जितना सामान्य लगता है, उतना ही खतरनाक है। यह एक ऐसी छुपी हुई बीमारी है जो धीरे-धीरे आपके शरीर को जकड़ लेती है और आपको इसका अहसास भी नहीं होता। खर्राटे सामान्यत: नींद में सांस लेने की प्रक्रिया में रुकावट की वजह से होते हैं, जिसे ऑब्स्ट्रक्टिव स्लीप एपनिया कहा जाता है। यह बीमारी आपके नींद चक्र को बुरी तरह प्रभावित करती है, जिससे आपके मस्तिष्क में प्राण वायु , रक्त के संचार का सुचारू रूप न पहुंचने के कारण आप लगातार थकान महसूस करते हैं।आपका हृदय भी बहुत तनाव में रक्त के संचार को मस्तिष्क तक पहुँचने की कोशिश कर रहा होता है । यही कारण है कि कुछ वर्षों के भीतर यह बीमारी अन्य गंभीर और लाइलाज रोगों को आमंत्रित कर सकती है, जैसे कि हाई ब्लड प्रेशर, दिल की बीमारियां और यहां तक कि स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ जाता है।
मस्तिष्क और शरीर की संतुष्टि छीनने वाली बीमारी
खर्राटों का असर सिर्फ नींद तक सीमित नहीं रहता। यह मस्तिष्क और शरीर के हर अंग पर बुरा प्रभाव डालता है। लगातार खर्राटे लेने से मस्तिष्क को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती, जिससे उसकी कार्यक्षमता प्रभावित होती है। आपके सोचने-समझने की शक्ति धीमी हो जाती है क्योंकि मस्तिष्क स्वयं में पूरी रात असंतुष्ट रहा है और उसी से मानसिक थकावट हमेशा बनी रहती है। साथ ही, यह बीमारी शरीर के अन्य अंगों की स्वाभाविक कार्यप्रणाली को भी बाधित कर देती है। ऐसे में न सिर्फ आपकी मानसिक शांति खत्म होती है, बल्कि शरीर की सभी प्रक्रियाओं में असंतुलन आ जाता है।यहाँ तक कि पूरे दिन भर आपको ऊर्जा की कमी महसूस होती रहती है , सिर में तो भारीपन और मूड स्विंग्स एक सामान्य सी बात हो जाती है ।
भोजन पर टूट पड़ने का असर
यही कारण है कि वह व्यक्ति अपनी ऊर्जा को बेहतर बनाने के लिए दिन में भोजन पर बहुत बुरी तरह से टूट पड़ता है । इस बीमारी का एक और रोचक और खतरनाक पहलू है – यह आपके खाने की आदतों पर भी असर डालती है। मैंने खुद ऐसे लोगों को देखा है, जो खर्राटों की समस्या से जूझ रहे होते हैं, और उन्हें भोजन 🍕 के प्रति अजीब सी लालसा होती है। जैसे ही खाना सामने आता है, वे उस पर टूट पड़ते हैं, मानो वही उनकी ज़िंदगी की आखिरी उम्मीद हो। वह इसीलिए कि पूरी रात व्यक्ति को शांति व विचारविहीनता की अनुभूति नहीं हुई । उसने देह को छोड़ने का अप्रत्यक्ष अनुभव ही नहीं किया । यही कारण है कि दिन में उसका अस्वस्थ मन भोजन की आदतों को बढ़ावा देता है, जिससे मोटापा, मधुमेह और अन्य कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
समाधान की दिशा में कदम
व्यक्ति के लिए नजरअंदाज करने वाला यह एक सामान्य विषय है । किंतु यदि आप इस समस्या से पीड़ित हैं, तो इसे हल्के में न लें। खर्राटों को नजरअंदाज करना आपको गंभीर बीमारियों के जोखिम में डाल सकता है।न केवल फ्रस्ट्रेशन बल्कि देह के प्रमुख अंगों को बुरी तरह से रोग के चपेट में ले लेगा । बेहतर होगा कि आप एक किसी एक ऐसे व्यवहारिक जीवन को जीने का प्रयत्न करें और साथ साथ योग प्राणायाम का अपने स्वभाव के अनुसार अभ्यास करें ताकि इस खामोस खतरे से बच सकें । ध्यान दें आधुनिक तकनीकें सिर्फ मशीन लगा सकती है किंतु समाधान नहीं है ।
याद रखें, खर्राटे सिर्फ एक सोने की आदत नहीं हैं, बल्कि यह आपके शरीर के लिए एक गंभीर खतरे का संकेत हो सकते हैं। समय रहते ध्यान दें, ताकि आपकी नींद और जीवन दोनों ही सुरक्षित रहें।
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