Loading...
...

खर्राटा और एसिड रिफ़्लक्स

3 days ago By Yogi Anoop

खर्राटे और एसिड रिफ़्लक्स: योगी अनूप के शोध और प्रयोगों से प्राप्त निष्कर्ष

खर्राटे (Snoring) केवल एक साधारण समस्या नहीं है, बल्कि यह शरीर के आंतरिक असंतुलन का संकेत हो सकता है। योगी अनूप के वर्षों के अध्ययनों और प्रयोगों में पाया गया कि GERD (Gastroesophageal Reflux Disease) और Acid Reflux खर्राटों के प्रमुख कारणों में से एक हैं।

योग चिकित्सा और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से, शरीर की आंतरिक गतिविधियाँ केवल शारीरिक नहीं होतीं, बल्कि मानसिक और ऊर्जा प्रणाली से भी जुड़ी होती हैं। अपने निरीक्षणों और प्रयोगों के दौरान, योगी अनूप ने कई रोगियों के अध्ययन में पाया कि जो लोग खर्राटों की समस्या से ग्रसित थे, उनमें से अधिकांश को रात के समय एसिड रिफ़्लक्स की समस्या भी थी। न केवल पूरे पेट में गैस्ट्रिक तनाव बल्कि श्वसन नली एवं भोजन नली में भी तनाव देखने को मिला।

योगी अनूप के शोध में क्या पाया गया?

GERD और खर्राटों के बीच सीधा संबंध

योगी अनूप के प्रयोगों में यह देखा गया कि जिन रोगियों को रात में बार-बार खर्राटे आते थे, यहाँ तक कि साँसों में भी रुकावट के संकेत देखे जाते थे, उनमें से अधिकतर को पेट में एसिड बनने और गले तक आने की समस्या थी। उन्होंने पाया कि डायफ़्रैग्म के तनाव में रहते हुए भी एसिड रिफ़्लक्स और डकार की वृद्धि होती है, साथ ही गले में सूजन में वृद्धि हो जाती है।

• जिन लोगों का डायफ़्रैग्म ऊपर की ओर खींचा हुआ होता है, उनमें भी रिफ़्लक्स की समस्या अधिक देखी गई। अतः जब व्यक्ति का डायाफ्राम संकुचित होता है, तो सांस लेने की गति बाधित हो जाती है।

• सोते समय जब एसिड ऊपर की ओर बढ़ता है, तो यह गले और श्वसन मार्ग को उत्तेजित करता है।

• इससे गले की परत में सूजन और जलन हो जाती है, जिससे हवा के प्रवाह में रुकावट आती है। यह संकीर्णता ही खर्राटों को जन्म देती है।

• यहाँ तक कि ऐसे भोजन जो कफ़ जनित होते हैं, जैसे दूध का सेवन, रात में करने से भी खर्राटों में वृद्धि देखी गई।

• खर्राटे लेने वाले व्यक्तियों में पानी पीने की आदत कम होती है। यहाँ तक कि अक्सर भोजन के दौरान अधिक पानी पीते हैं, जिससे पाचन क्रिया बाधित होती है और रिफ़्लक्स की क्रिया बढ़ती है, जिससे खर्राटे में वृद्धि स्वाभाविक है। साथ ही, ऐसे व्यक्तियों में जल्दी-जल्दी खाने की प्रवृत्ति भी पाई गई।

योगी अनूप के भोजन और प्राणायाम प्रयोगों के प्रभाव

रात के भोजन और सोने से पूर्व किए गए प्राणायाम के प्रयोगों से अत्यधिक रोमांचक परिणाम निकले।

• रात के भोजन को 5 से 6 बजे के बीच रखा गया, और सोने का समय रात 11 बजे निर्धारित किया गया।

• सोने से पूर्व 11 मिनट प्रमुख उज्जायी प्राणायाम का अभ्यास करवाया गया।

• अर्थात भोजन का समय सोने के 5 घंटे पहले निर्धारित किया गया तथा सोने के पूर्व एक प्राणायाम का अभ्यास करवाया गया, जिससे मन, मस्तिष्क और देह पूर्ण रूप से शांत हो जाए।

परिणाम:

• सोने के 5 घंटे पूर्व भोजन मात्र से लगभग 50% खर्राटों में कमी देखने को मिली।

• जब भोजन के नियम के साथ सोने के पहले प्राणायाम को भी जोड़ा गया, तो खर्राटों में 70-80% तक सुधार देखा गया।

कहने का मूल अर्थ यह है कि भोजन के समय में और सोने से पूर्व प्राणायाम के अभ्यास से खर्राटों में अत्यंत तीव्र सुधार देखा गया। और उसमें भी भोजन की गुणवत्ता में किसी भी प्रकार की रोक-टोक नहीं थी। यहाँ तक कि 50 लोगों में से लगभग 5 लोगों ने तला हुआ भोजन किया था।

योगी अनूप के शोध और प्रयोगों से यह स्पष्ट हुआ कि एसिड रिफ़्लक्स, खर्राटे और श्वसन प्रक्रिया आपस में गहराई से जुड़े हुए हैं। यदि इनका सही ढंग से समाधान किया जाए तो नींद की गुणवत्ता को बेहतर बनाया जा सकता है और जीवनशैली को संतुलित किया जा सकता है।

योग और प्राणायाम की शक्ति को पहचानते हुए, योगी अनूप ने उज्जायी प्राणायाम को विशेष रूप से खर्राटों और GERD से राहत पाने के लिए उपयोगी पाया। यदि आप भी इन समस्याओं से जूझ रहे हैं, तो योगिक जीवनशैली अपनाकर इस स्थिति में सुधार ला सकते हैं।

उज्जायी प्राणायाम विधि

1. सोने के पूर्व बिस्तर पर किसी आरामदायक स्थिति में बैठें या लेट जाएं।

2. धीरे-धीरे नाक से श्वास को लेते हुए छाती को फुलाएं और अल्पकाल (2 सेकंड) के लिए कुंभक करें।

3. अब प्रयत्नशील होकर साँसों को मुँह के द्वारा गले से थोड़ी आवाज (ध्वनि) करते हुए छोड़ दें।

4. प्रारंभ में साँस तेज़ी से बाहर निकलेगी, किंतु थोड़े समय के बाद साँसों की गति में धीरे-धीरे कमी आती जाएगी।

5. जैसे ही साँसों की गति धीमी होगी, मस्तिष्क में ढीलेपन का अनुभव करें।

यह प्राणायाम 11 मिनट के लिए करना है। इसके बाद सो जाएं। यदि लेटकर इस प्राणायाम का अभ्यास करें, तो अभ्यासकर्ता कुछ ही मिनटों में सो सकते हैं । यदि सो जाते हैं, तो किसी भी प्रकार की चिंता नहीं करनी चाहिए। रात में जब भी जागें या नींद टूटे, तो दाहिनी करवट में लेटकर यही प्राणायाम दोहरा लें, कुछ ही मिनटों में पुनः नींद आ जाएगी। सुबह उठने पर आपको स्वसंतोष व आत्मसंतोष की अनुभूति होगी । 

Recent Blog

Copyright - by Yogi Anoop Academy