पिंडली की मांसपेशियों के अनेकों संकेत व्यर्थ ही नहीं होते हैं , यदि ध्यान पूर्वक उन संकेतों को अध्ययन किया जाय तो हमें ये पता चल जाता है कि पिंडली की मांशपेशी क्या बताना चाहती है ।
सत्य यह है इस देह के सभी अंग मन मस्तिष्क को अपनी सांकेतिक भाषाओं से बहुत सारी समस्याओं के बारे में बताती रहती हैं किंतु यह मन और इंद्रिय 18 घंटे इतना बहिर्मुखी होता है कि उन संकेतों को समझने में असमर्थ रहता है ।
विशेष रूप से मानसिक हलचल में इस समस्या को अधिक देखा जाता है , जहां तक मैंने अनुभव किया है जिसका मस्तिष्क भावनात्मक रूप से बहुत दबा हुआ है उसे पिंडली में दर्द अधिक देखा जाता है । वे अपनी भावनाओं को दबा करके उसका नकारात्मक प्रभाव हृदय पर दे देते है जिससे हृदय की धड़कन अक्सर बढ़ी हुई दिखायी देती है , इस प्रकार के लोगों को स्वयं की धड़कन निरंतर सुनाई देती रहती है । जब हृदय की मांसपेशियों पर किसी भी प्रकार का भावनात्मक दबाव होता है तब उसकी प्रतिक्रिया पिंडली पर दिखायी पड़ने लगती है ।किंतु दर्द निवारक दवाइयों से हाँ उसका त्वरित इलाज निकल लेते हैं । विशेष रूप से पिंडली की मांसपेशियों में जब बहुत अधिक दर्द का अनुभव होता है तब सभी लोग
कुछ दर्द निवारक दवा से उसका आसानी से उपाय ढूँढ लेते हैं किंतु समस्या ये है कि वह दर्द निवारक दवा का प्रभाव भविष्य में बहुत हीनकारात्मक दिखता है । समस्या तब बड़ी गम्भीर हो जाती है जब वह मांसपेशी धीरे धीरे संकेतो को बताना बंद कर देती और भविष्य मेंहृदय और मस्तिष्क से सम्बंधित किसी गम्भीर रोग में परिणति कर देती है ।
इसलिए ध्यान देने योग्य बातें ये है कि इस दर्द से पीड़ित व्यक्ति को पिंडली की मांसपेशियों के दर्द को अनदेखा नहीं करनी चाहिए । उन्हें इसका वैज्ञानिक अभ्यास अवश्य करना चाहिए ।
विधि
किसी एक position में खड़े हो करके अपनी दोनों हाथों की उँगलियों को फँसा लें और उसके बाद अपनी रीढ़ को बिल्कुल सीधी रेखामें कर लें ।
सर्वप्रथम अपनी दोनों एड़ियों को जोड़ कर उसे धीरे धीरे ऊपर ले जायँ और धीरे धीरे नीचे ले आएँ । किंतु ध्यान दें अपनी साँसों पर बहुतध्यान देने बजाय आप एड़ियों की गति पर नियंत्रण करने का प्रयास करें ।
एड़ियों के ऊपर और नीचे जाने की गति अत्यंत धीरे धीरे हाई होनी चाहते साथ साथ एड़ी नीचे जाते समय ज़मीन पर छूनी नहीं चाहिए अर्थात् एड़ियों का का ज़मीन पर रुकना नहीं है ।
इस क्रिया को लगातार बिना रुके 50-50 के 3 सेट करना चाहिए । धीरे धीरे गुरु के निर्देशों के तहत इसको बढ़ा घटा सकते हैं । और साथ साथ उसमें स्वाँस को भी सम्मिलित करवाया जा सकता है । किंतु ध्यान रहे यह सभी बातें अभ्यासी के प्रकृति पर निर्भर करती है ।
एड़ियों के ऊपर नीचे करने से यह सम्भव है कि पिंडलियों में सामान्य दिनों से दर्द अधिक बढ़ जाय किंतु वह अल्पकालिक ही होगा और बाद में मांसपेशियाँ मन मस्तिष्क की कई असमन्यताओं को दूर करने में सहायक होगा ।