योग मार्ग ही नहीं , एक सामान्य जीवन में भी अत्यधिक भोजन करना शरीर के लिए ही नहीं बल्कि मन के लिए अधिक हानिकारक होता है । यहाँ पर हमारा उद्देश्य हानिकारक प्रभाव के बारे में नहीं बल्कि अधिक भोजन करने के पीछे के कारण को जानना है ।
मेरे अपने अनुभव में अधिक भोजन करने के कई कारणों में से एक प्रमुख कारण अधिक बोलना होता है । यदि कोई भी व्यक्ति अधिक बोलने पर अधिक ध्यान देता है तब उस अवस्था में व्यक्ति की साँसों में छोड़ने की प्रवृत्ति अधिक दिल्ली जाती है । वह संसंकों अधिक छोड़ता है , बनिस्बत साँसों को अंदर लेने के ।
अधिक बोलने की। प्रक्रिया में मस्तिष्क के। अंदर ऑक्सीजन की कमी भी देखने को मिलती है जिसके कारण उसकी ऊर्जा में कमी का होना स्वाभाविक हो जाता है । यहाँ तक कि अधिक बोलने वाले प्रवृत्ति के लोगों में पानी पीने की आदत भी बहुत कम देखी जाती है । साथ साथ अधिक बोलने की प्रवृत्ति में तेज़ी बहुत होने लगती है , व्यक्ति बोलने में जल्दी बाज़ी करने लगता है जिसके कारण उसके पेट में सिकुड़न की आदत पड़ने लगती है । इसी प्रकार की आदत से पेट में हमेशा पिचकने की आदत सी हो जाती है । जिसके कारण मस्तिष्क में भी तनाव बन जाता है ।
इसके कारण व्यक्ति को पेट में कुछ ना कुछ डालना ही पड़ता है । कुछ न कुछ भोजन करते रहना पड़ता है । बार बार भोजन करना पड़ता है । यहाँ तक कि अधिक भोजन करने कि आदत भी पड़ जाती है ।
इसीलिए मैं अधिक भोजन व बार बार भोजन के अनेक कारणों में से एक कारण अधिक बोलने को मानता हूँ ।
ध्यान दें बार बार भोजन वि अधिक भोजन करने से शरीर का पाचक अंग हमेशा पाचन की ही प्रक्रिया में व्यस्त होता है , और यहाँ पर ध्यान देने की आवश्यकता है कि पाचन की क्रिया में केवल लिवर और आँतें ही नहीं बल्कि शरीर के अन्य महत्वपूर्ण अंग भी व्यस्त हो जाते हैं । जैसे किडनी व हृदय भी कहीं ना कहीं व्यस्त हो जाता है । ध्यानपूर्वक देखने पर भोजन के बाद हृदय की गति में वृद्धि देखने को मिलती है । उस समय मस्तिष्क थोड़ा स्लो हो जाता है । वह इसलिए कि मस्तिष्क में महत्वपूर्ण केंद्र पाचन की क्रिया में व्यस्त होते हैं ।
इसीलिए भोजन करने के बाद लगभग सभी लोगों में नींद को आते हुए देखा गया है । उबासियाँ भी उस समय आती है ।
यदि गंभीरता से बार बार भोजन व अत्यधिक भोजन के बारे में समझा जाय तो यही प्राप्त होता है कि कहीं ना कहीं सभी अंग धीरे धीरे शिथिलता की ओर जाने लगते हैं जिसके कारण और कई लाइलाज बीमारियों होने लगती हैं ।
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