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अस्थमा रोग के लिए प्राणायाम

4 years ago By Yogi Anoop

अस्थमा रोग सामान्यतः कफ़ तथा वायु प्रधान लोगों को सर्वाधिक होता है । इस प्रकार के लोग अपने स्वभाव को पूर्ण रूप से प्रकट करने में परहेज़ करते हैं ।यहाँ पर कुछ प्राणायाम बतलाने जा रहें हैं जो रोगियों के लाभदायक होगा । 

      अस्थमा में वही प्राणायाम सबसे उपयुक्त है जो फेफड़े की शक्ति तो बढ़ाए साथ साथ उसके तनाव के लेवल को भी कम करे। इसीलिए यहाँ पर कुछ ऐसे प्राणायाम की चर्चा मैं करूँगा जो अस्थमा के रोगियों के लिए उपयुक्त होगा । 

DEEP CHEST BREATHING- सबसे पहला प्राणायाम DEEP CHEST BREATHING कुम्भक के साथ होनी चाहिए । इसमें कुम्भक इसलिए होना अनिवार्य है जिसके कारण फेफड़ों में ऑक्सिजन की अब्ज़ॉर्प्शन अधिक से अधिक हो । ध्यान दें किसी भी प्राणायाम को गुरु की संरक्षण में करना अनिवार्य है । यदि इस प्राणायाम को 11 मिनट अंतर कुम्भक के साथ किया जाय तो समस्या पर जल्द से जल्द नियंत्रण पाया जा सकता है ।

सूर्य भेदी प्राणायाम- इस प्राणायाम के बाद अस्थमा रोगियों को सूर्य भेदी प्राणायाम  अंतरकुंभक के साथ 11 मिनट करना चाहिए । ये प्राणायाम बातें मस्तिष्क को ऐक्टिवेट करके रोगी के कफ़ स्वभाव को नियंत्रित करता है । 

भस्त्रिका- इस रोग में भस्त्रिका उपयोगी होता है किंतु बहुत सावधानी से किया जाना चाहिए । रोग की स्थिति को पूरी तरह से जानकर ही इस प्राणायाम को करवाना चाहिए , और विशेश करके उसकी गति होती है । यदि समस्या गम्भीर है तो प्राणायाम की गति बहुत आराम से और धीरे धीरे होनी चाहिए अन्यथा थोड़ा तीव्र किया जा सकता है । इस प्राणायाम को 3 मिनट से शुरू करके 11 मिनट तक ले जाना चाहिए । 

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