डिप्रेशन और ऐंज़ाइयटी वालों की एक और बड़ी समस्या होती है वो है पिंडली में दर्द होना । ये मेरा अनुभव है । सामान्यतः दोनों पिंडलियों में दर्द होता है पर कुछ ऐसे डिप्रेशन के महारथी होते हैं जिन्हें सिर्फ़ और सिर्फ़ बाएँ अर्थात् लेफ़्ट पिंडली में दर्द होता है । और ऐसे लोगों को रात में पिंडली अर्थात् calf मसल्ज़ में क्रैम्प आते ही आते हैं । ज़्यादातर लोगों पर हमने बहुत डिटेल में प्रयोग किया है कि ऐसे लोग कुछ भी करते रहेंगे पर अपने पैरों को हिलाते रहते हैं, खाना खाते रहते हैं उधर पैर भी हिलाते रहते हैं । कुछ लोग तो ऑफिस में काम करते करते पैर हिलाते रहते हैं ।
यदि आप गहनता में जाओं तो बच्चे सबसे अधिक पैर हिलाते हैं क्योंकि उनका वैचारिक शक्ति मस्तिष्क में बहुत तेज चलती है । यद्यपि बड़े बूढ़े लोग उनको डाँट डपट करके रोक देते हैं ।
वो तो बच्चों की बात है यही जब बढ़े लोग अडल्ट लोगों में होने लगती है तो समझो या तो डिप्रेशन की ओर जा रहे हैं या उनके दिमाग़ में अनियंत्रित विचारों की भीड़ है । व्यक्ति अपना मन पैरों को हिला कर अपने अपने मन को divert करता है ।
अब इसका निजात पाने का उपाय क्या होना चाहिए ?
इस अवस्था में अपनी पिंडली की मांसपेशियों पर जितना काम कर सको ।
1- पिंडली अर्थात् काफ़ मसल्ज़ की पम्पिंग , और वो अलग अलग तरीके से हो सकती है , यहाँ पर एक दे दे रहा हूँ ।
2- दूसरा कैफ़ मसल्ज़ की स्ट्रेचिंग
3- कैफ़ मसल्ज़ की स्ट्रेचिंग साथ साथ रक्त के संचार को उल्टा कर देना ।
4- अपने पैर को जानबूझकर हिलाना । सामान्यतया इसे अनजाने में आपका मस्तिष्क हिलाता रहता है पर आप जब इसे जानबूझकर हिलाना शुरू कर देंगे तब मस्तिष्क संतुष्ट हो जाएगा ।
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